Saturday, March 26, 2011

तेरा नाम

खत खिताबत में तेरा नाम छुपा सा रहता 
               संदली बाहों में इक जोश जवां रहता 
घर की नीलामी के समय एक ख्याल आया सुमन 
      काश इस घर पे मेरा नाम लिखा ना रहता 

Monday, January 24, 2011

uthaayaa maine jab saagar

uthaayaa maine jab saagar farishton kaa slaam aayaa
jhuke sajde main laahon sr jo lab pe teraa naam aayaa
hazaaron ranjo almon gam zamaane bhar ki ruswaayee
baraahe aashqi chal kar hamen ye hi eenaam aayaa
yahi anjaam hai aakhir mere sabro tuammal kaa
naa koee naambr aayaa naa koee bhi payaam aayaa
raqeebon nain kiyaa ruswaa suman itnaa zamaane main
janaaza jab chalaa naa saath koee khaaso aam aayaa

Sunday, January 16, 2011

बेला सी महकी

बेला सी महकी साँसों का है आज क्षणिक उन्माद 
कल वही जलाने को होगी बस एक सुलगती याद 
कुछ पल मन में सिहरन सी थी जब हाथों में थे हाथ
कुछ भी तो स्थाई नहीं यहाँ बस पल दो पल का साथ
सब सिमट पुने तूफ़ान गए किसका किस से अनुराग 
कुछ पल के साथी सभी यहाँ किस पर किस का अधिकार 
कुछ विजय भाव से गर्वोन्नत कोई बैठा लाचार
बाहों में घिर आया बसंत ले मादकता निशेष
पर बाँध न पाया बीते पल दीवानों का परिवेश