प्यार के किस्से बहुत पुराने हैं
फिर भी लगते ये किओं सुहाने हैं
आज तक ये पता न लग पाया
कौन से अपने आशियानें हैं
जिन्दगी चार पल कि जी तो लें
चंद लम्हों के ये खजाने हैं
मुस्कुराते जहां हैं कांटे भी
बस वही सुमन के ठिकाने हैं
wahh.. bahut sunder panktia hain
ReplyDeletePyar ke kisa naye ho ya purana
ReplyDeletebus ana chahiye nibhana
yeh to sSuman ki kashish hai
jo kanton ko bhi aya muskrana